Paan ka Geet

Paan ka Geet

रात्रि जागरण गीत 

रात्रि जागरण गीत मे बहुत सारे सारे अच्छे अच्छे गीत आते है | उन्ही मे से एक गीत पान का गीत है | हमारी मालवी भाषा मे पान के गीत को बीड़े का गीत भी है | पुराने वक्त मे हम जों पान कहते है उसे बीड़ा कहा जाता था | पान को राजा महाराजा रानिया सभी खाते थे | उस समय ये पान उनकी दासिया बनाकर खिलाती थी | पान का पत्ते का पेड़ होता है | जिस पर यह पत्ता निकलता है | फिर उस पत्ते को तोड़कर साफ कर उस पर बहुत सारी मीठी तीखी छीजे डाली जाती है | जिससे  उसका स्वाद बड़ता है |

आज भी पान खाना सभी पसंद करते है | घर के छोटे बड़े सभी पान खाते है | इसमे जों सामग्री डाली जाती है उसमे सबसे महत्वपूर्ण है सुपारी और कत्था | अन्य डाली जाने वाली सामग्री है मीठी सौंफ, मिश्री, गुलकंद, चेरी और गुलाबकत्री (टूटी फ्रूटी) इत्यादि | बहुत से लोग पान मे तंबाकू भी डालकर खाते है | तंबाकू सेहत के लिए हानिकारक भी होती है| वैसे आपने भी पडा होगा तंबाकू के हर पैकेट पर लिखा होता है तंबाकू सेहत के लिए हानिकारक है | पर कोई यह समझता हि नहीं है | चलो इन सब बातों को छोड़ते है अब हम आते है | हमारे आज के गीत की तरफ जों है बीडे का गीत |

रात्रि जागरण गीत मे बीड़े के गीत का महत्व 

पान के पत्ते को मीठा पत्ता भी बोलते है | यह गीत तब गाया जाता है जब हम हमारे देवी देवता को पान चडाते है | हम यह भी बोल सकते है की पान खिलाते है | पान के पत्तो को हमारी यह पूजा मे शामिल किया जाता है | आपने देखा हि होगा छोटी से छोटी पूजा मे पान के पत्ते ले जाते है | इन्हे जल के कलश पर रखा जाता है | मीठे पत्तों से हि भगवान को स्नान  कराया जाता है | मंदिरों मे भी इसका उपयोग रोज हि होता है | तो फिर जगरातो मे भी इसका महत्व कितना होगा यह आप भी समझ सकते है |

रात्रि जागरण गीत मे बीड़े का गीत 

म्हारा रंग भरिया जूजार जी बीड़ों लो,

तमने घणी कठन से सुमारिया |

म्हारा रंग भरिया भैरु जी बीड़ों लो,

तमने घणी कठन से सुमारिया |

म्हारा रंग भरिया बाला पूर्बज जी बीड़ों लो,

तमने घणी कठन से सुमारिया |

सुमारिया पाट पधारिया बीड़ों लो ||

तमने राम भई सुमारिया,

सुमारिया पाट पधारिया बीड़ों लो |

तमने लक्ष्मण भई सुमारिया,

सुमारिया पाट पधारिया बीड़ों लो |

तमने सगला भई सुमारिया,

सुमारिया पाट पधारिया बीड़ों लो |

म्हारा रंग भरिया माता जी बीड़ों लो,

तमने घणी कठन से सुमारिया |

म्हारा रंग भरिया सती माता बीड़ों लो ,

तमने घणी कठन से सुमारिया |

म्हारा रंग भरिया भुल्या चुक्या जी बीड़ों लो,

तमने घणी कठन से सुमारिया |

सुमारिया पाट पधारिया बीड़ों लो|

तमने लाडी बऊ सुमारिया,

सुमारिया पाट पधारिया बीड़ों लो ||

तमने जोड़ा बऊ सुमारिया,

सुमारिया पाट पधारिया बीड़ों लो ||

तमने नानी मोटी सुमारिया,

सुमारिया पाट पधारिया बीड़ों लो ||

बीड़े के गीत का हिन्दी अर्थ 

मेरे खुशियों से भरे जुजार जी पान खाओ ,आपको बड़ी कठिनायों से बुलाया है | मेरे खुशियों से भरे भैरु जी पान खाओ, आपको बड़ी कठिनायों से बुलाया है | मेरे खुशियों से भरे पूर्बज जी पान खाओ, आपको बड़ी कठिनायों से बुलाया है ||

आओ पटिए पर बेठो पान खाओ, आपको राम जी पान खिला रहे है |आओ पटिए पर बेठो पान खाओ, आपको लक्षमण जी पान खिला रहे है |आओ पटिए पर बेठो पान खाओ, आपको सभी भाई पान खिला रहे है ||

मेरी खुशियों से भरी माता जी पान खाओ, आपको बड़ी कठिनायों से बुलाया है | मेरी खुशियों से भरी सती माता जी पान खाओ, आपको बड़ी कठिनायों से बुलाया है | मेरी खुशियों से भरे भूले चुके जी पान खाओ, आपको बड़ी कठिनायों से बुलाया है ||

आओ पटिये पर बेठो पान खाओ, आपको हमारी बहुए बुला रही है | आओ पटिये पर बेठो पान खाओ, आपको हमारे बेटे बहु जोड़े से बुला रहे है | आओ पटिये पर बेठो पान खाओ, आपको हमारे छोटे बड़े सब बुला रहे है ||

निष्कर्ष 

इस गीत का निष्कर्ष यह है, की हमारे यह गीत गाते हि हमारे देवी देवता हमारा उनके लिए लाया हुआ पान खाते है | वह यह पान कहते है और उस पान की मिठास हमारे जीवन मे भर जाते है | हमारे जीवन मे उस पान की तरह मिठास होती है, खुशिया होती है | पान हर मंगल कार्य मे उपयोग किया जाता है | एस्क पत्ता भी मीठा होता है | और इसमें डालने वाली सामग्री भी | यह गीत बहुत आसान है, आपको इसे याद करना है तो ज्यादा वक्त नहीं लगेगा | अगर आप इसे एसे हि गाना चाहते है तो भी यह मुश्किल नहीं है | उम्मीद है आपको यह गीत पसंद आया होगा |

इसी तरह हमारी आने वाली पोस्ट या आगे लिखे जाने वाले गीत, कथा आप पड़ेंगे और फिर पड़कर उसे गाना पसंद करेंगे | अगर आप रात्रि जागरण के और गीत सुनना चाहते है तो इस वेबसाइट पर जाकर सुन सकते है |

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धन्यवाद 

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