रात्रि जागरण गीत
रात्रि जागरण गीत मे पीपल के पेड़ के गीत का भी बहुत महत्व है | इस पोस्ट मे हम आपको पीपल का गीत उसका अर्थ उसका महत्व सभी की जानकारी देंगे | वेसे देखा जाए तो आज कल माता की चोकी मे भी लोग स्पीकर लगाकर मोबाईल से जगराते के गाने बजाते है पर सच कहे तो असली आनंद तो गीतों को खुद गाने मे आता है |
जिन्हे गाना नहीं आता वह भी सोचते है कैसे गाए क्योंकि यह गीत सिर्फ पुराने लोगों को आते है आज की पीड़ी को नहीं इसकी कोई किताब नहीं है जिससे पड़कर वह गा सकते है या आपका सहयोग कर सकते है |
उसी समस्या का हल है हमारे पास मे यह पोस्ट यह गीत उस समस्या का समाधान है | हम यहा हर तरह के गीतों का समूह लेकर आए है इन गीतों के अलावा आप और भी कोई दुसरे गीत सीखना चाहते है या पडना चाहते है तो Contact Us पेज पर जाकर फॉर्म भर दीजीए हम जरूर आपकी पसंद का गीत लिखेंगे |
पिपल के पेड़ का महत्व
हमारे भारत देश मे पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है | एसा माना जाता है की यह भी देव है | पुराने जमाने मे यह भी कहा जाता था की पीपल के पेड़ के नीचे भूतो का वास भी हुआ करता था तो अगर देव है तो दानव भी होंगे हि | पिपल के पेड़ मे जल चड़ाने से बहुत सारी मुश्किलों का समाधान भी होता है पर कहा जाता है की उस जल मे हल्दी मिलाकर चडाना चाहिए| यह बहुत शुभ होता है |
पीपल के पेड़ की पूजा अलग अलग त्योहारों पर भी की जाती है और पिपल के पेड़ की छाल को सोना भी कहा जाता है इसलिए इसकी छाल को लोग अपने घरों मे भी संभाल कर रखते है और विज्ञान के मुताबिक भी यह बहूत फायदेमंद है बहुत सी बीमारियों को इलाज भी इससे होता है|
रात्रि जागरण गीत मे पिपली का गीत
म्हारे पछवाड़े पूर्बजा री पिपली |
डालिया जों डालिया दीवा बले ||
खेलों म्हारा बाला पूर्बज रना हो बना मे |
मैं कुकर खेला सेवक रना हो बना मे ||
हमारे (यहा आपको अपने परिवार के जीतने भी पुरुष है उनके नाम एक एक कर कर लेना है, एक बार मे एक का नाम लेकर ये लाईन पूरी करना है फिर दूसरे के नाम के लिए फिर से (हमारे लिखा है) शुरू से बोलना है) सेवा करे बऊ लाडलड़ी पावा पड़े |
खेलों म्हारा बाला पूर्बज रना हो बना मे ||
डालिया जों डालिया दीवा बले |
खेलों म्हारा जुजार बाबा रना हो बना मे ||
डालिया जों डालिया दीवा बले |
खेलों म्हारा भैरु बाबा रना हो बना मे ||
डालिया जों डालिया दीवा बले |
खेलों म्हारी माता बाई रना हो बना मे ||
डालिया जों डालिया दीवा बले |
खेलों म्हारा सती माता रना हो बना मे ||
डालिया जों डालिया दीवा बले |
खेलों म्हारा देवी – देवता रना हो बना मे ||
मैं कुकर खेला सेवक रना हो बना मे,
हमारे नाना मोटा सेवा करे बऊ लाडलड़ी पावा पड़े |
खेलों म्हारा देवी देवता रना हो बना मे ||
रात्रि जागरण गीत मे पिपली के गीत का अर्थ
हमारे पीछे वाले आँगन मे पूर्बजों का पिपली का पेड़ है, उसकी हर टहनी पर दीपक जलते है |
खेलों मेरे छोटे पुरबज उस आँगन मे, मे आपका सेवक आपके साथ इस आँगन मे खेलूँगा ||
हमारे घर परिवार के सभी सदस्य आपकी सेवा करेंगे, हमारी बहुए आपके पेर पड़ रही है|
खेलों हमारे छोटे पूर्बज हमारे इस आँगन मे ||
हमारे इस पिपल के पेड़ की सभी डालियों पर दीपक जल रहे है |
खेलों हमारे जुजार महाराज हमारे इस आँगन मे ||
हमारे इस पिपल के पेड़ की सभी डालियों पर दीपक जल रहे है |
खेलों हमारे भैरु महाराज हमारे इस आँगन मे ||
हमारे इस पिपल के पेड़ की सभी डालियों पर दीपक जल रहे है |
खेलों हमारी माता रानी हमारे इस आँगन मे ||
हमारे इस पिपल के पेड़ की सभी डालियों पर दीपक जल रहे है |
खेलों हमारी सती माता हमारे इस आँगन मे ||
हमारे इस पिपल के पेड़ की सभी डालियों पर दीपक जल रहे है |
खेलों हमारे देवी देवता हमारे इस आँगन मे ||
मे आपका सेवक आपके साथ इस आँगन मे खेलूँगा |
हमारे छोटे बड़े सब आपकी सेवा करे हमारी सभी बहुए आपके पेर पड़े, खेलों हमारे सभी देवी देवता हमारे इस आँगन मे ||
निष्कर्ष
पीपल के पेड़ का यह गीत बहुत प्यारा है आप इस गीत को रात्रि जागरण के अलावा और भी मंगल कार्यों मे गा सकते है आप इस गीत को कविता बनाकर अपने बच्चो को भी सुन सकते है | हमारी भारतीय संसकृति मे पीपल के पेड़ गीत ये सब बहुत महत्वपूर्ण है | उम्मीद है की आपको यह गीत पसंद आएगा और आपके परिवार के सदस्यों को भी |
इसी तरह हमारी आने वाली पोस्ट या आगे लिखे जाने वाले गीत, कथा आप पड़ेंगे और फिर पड़कर उसे गाना पसंद करेंगे | अगर आप रात्रि जागरण के और गीतो के बारे मे जानना चाहते है तो इस वेबसाइट पर जाकर पड़ सकते है |
रात्रि जागरण के अन्य महत्वपूर्ण गीत
- दीपक का गीत
- पूर्बज के गीत
- नहाने का गीत
- पिपली का गीत 2
- नोतरा का गीत
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- पान का गीत
- केसर का गीत
- जाजम का गीत
- ढोलक का गीत
- लाड़ी बऊ का गीत
- बड़े जुजार जी का गीत
- पूर्बज के गीत भाग 2
- पूर्बज के गीत भाग 3
- जुजार जी के गीत भाग 2
- जुजार जी के गीत भाग 3
- सूरा पूरा के गीत
- चणीयारी या अंतिम गीत
- भैरु महाराज के गीत
- सिद्ध बड़ (बरगद) पेड़ का गीत
- सती माता के गीत
- परी माता के गीत
- छींक माता और चौथ माता के गीत
- शीतला माता और बिजासन माता के गीत
- चारभुजा जी और रामदेव जी के गीत
- नाग महाराज और पाल्या महाराज के गीत
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- सभी देवी देवता के गीत
- चामुंडा माता का गीत और हनुमान जी का गीत