रात्रि जागरण गीत
रात्रि जागरण गीत मे आज हम जगत जननी, जगत माँ चामुंडा देवी का गीत लिखने वाले है | अभी तक हमने जों गीत लिखे है वो देवी देवता के है | पर आज हम माँ चामुंडा का गीत लिखेंगे | और उन्ही के गीत के साथ एक गीत हम हनुमान जी का लिखने वाले है | माँ चामुंडा देवी पार्वती के नों रूपों मे से एक है | धरती मे सिर्फ तीन माँ है एक सरस्वती दूसरी पार्वती ओर तीसरी लक्ष्मी | बाकी जितनी भी माताए है जिन्हे हम पूजते है | वो इन्ही तीन देवीयों के अलग अलग स्वरूप है | तो चलिए लिखते है चामुंडा माँ का गीत |
माँ चामुंडा का गीत
लड़ लिम्बड़ली राणा जी रा देश होजी, होजी परी ने कटावो सीसोदिया लिमड़ी |
सेवक लिम्बडली काटयो नी जाय होजी, होजी जणी तले चावण्डा बसी रया |
माँ थारो शीश बागड़ियों नारेल होजी, होजी चोटी ए वासुग झूली रया ||
लड़ लिम्बड़ली राणा जी रा देश होजी, होजी परी ने कटावो सीसोदिया लिमड़ी |
सेवक लिम्बडली काटयो नी जाय होजी, होजी जणी तले चावण्डा बसी रया |
माँ थारे लिलवट उगो सूर्या बाण होजी, होजी पाटी ए चांद पुंवासिया ||
लड़ लिम्बड़ली राणा जी रा देश होजी, होजी परी ने कटावो सीसोदिया लिमड़ी |
सेवक लिम्बडली काटयो नी जाय होजी, होजी जणी तले चावण्डा बसी रया |
माँ थारी आँख लिम्बू केरी फांक होजी, होजी भापण भमरा रमी रया ||
लड़ लिम्बड़ली राणा जी रा देश होजी, होजी परी ने कटावो सीसोदिया लिमड़ी |
सेवक लिम्बडली काटयो नी जाय होजी, होजी जणी तले चावण्डा बसी रया |
माँ थारो नाक सुवा केरी चोंच होजी, होजी होंठा ए हिंगलू ढुली रया ||
लड़ लिम्बड़ली राणा जी रा देश होजी, होजी परी ने कटावो सीसोदिया लिमड़ी |
सेवक लिम्बडली काटयो नी जाय होजी, होजी जणी तले चावण्डा बसी रया |
माँ थारा दांत डाडम केरा बीज होजी, होजी जीभ कमल केरी पांखड़ी ||
लड़ लिम्बड़ली राणा जी रा देश होजी, होजी परी ने कटावो सीसोदिया लिमड़ी |
सेवक लिम्बडली काटयो नी जाय होजी, होजी जणी तले चावण्डा बसी रया |
माँ थारा हाथ चम्पा केरी डाल होजी, होजी मूंगफली सी आँगली ||
लड़ लिम्बड़ली राणा जी रा देश होजी, होजी परी ने कटावो सीसोदिया लिमड़ी |
सेवक लिम्बडली काटयो नी जाय होजी, होजी जणी तले चावण्डा बसी रया |
माँ थारी छाती ए जड़यो वो जड़ाव होजी, होजी हीवड़े हीरा झगमगे ||
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लड़ लिम्बड़ली राणा जी रा देश होजी, होजी परी ने कटावो सीसोदिया लिमड़ी |
सेवक लिम्बडली काटयो नी जाय होजी, होजी जणी तले चावण्डा बसी रया |
माँ थारो पेट पीपल केरो पान होजी, होजी कमर केल री कामड़ी ||
लड़ लिम्बड़ली राणा जी रा देश होजी, होजी परी ने कटावो सीसोदिया लिमड़ी |
सेवक लिम्बडली काटयो नी जाय होजी, होजी जणी तले चावण्डा बसी रया |
माँ थारा पाँव देवल केरा खंब होजी, होजी पीण्डी ए बेलन बसी रया ||
लड़ लिम्बड़ली राणा जी रा देश होजी, होजी परी ने कटावो सीसोदिया लिमड़ी |
सेवक लिम्बडली काटयो नी जाय होजी, होजी जणी तले चावण्डा बसी रया |
माँ के थने घड़ी वो सुनार होजी, होजी के थने संचे ढालिया ||
लड़ लिम्बड़ली राणा जी रा देश होजी, होजी परी ने कटावो सीसोदिया लिमड़ी |
सेवक लिम्बडली काटयो नी जाय होजी, होजी जणी तले चावण्डा बसी रया |
सेवक जनम दियो माय ने बाप होजी, होजी रूप दियो भगवान ने ||
सरजीवों – सरजीवों सगला भाई रा भीम होजी,
होजी जणे म्हारी रात जगाविया |
सरजीवों – सरजीवों साजनिया री दीन होजी,
होजी म्हने पूजा हो लचपच लापसी |
सरजीवों सरजीवों गावा वाली रा पूत होजी,
होजी जणे म्हारो रूप बखाणियो ||
रात्रि जागरण गीत मे हनुमान जी का गीत
हनुमान जी की हमारे हिन्दू धर्म धर्म मे बहुत मान्यता है | हनुमान जी को राम भक्त कहा जाता है | हनुमान जी पर बहुत सारे चलचित्र है | उनके किससे कहानिया भी अनगिनत है | उनके नाम भी बहुत सारी है जिसमे से मुझे जों याद है | वो है अंजनी पुत्र, बजरंगबली और भी होंगे पर मुझे नहीं याद नहीं | एसा कहा जाता है की हनुमान चालीसा पड़ने से भी भगवान आपके साथ होते है | पर हम आपको हनुमान जी के गीत के बारे मे बताते है |
बजरंग बली मेरी चुंदड़ रंग दो, रंग दो डावाडोल जी |
पेला पल्ला पे राम – लक्ष्मण दूसरा पल्ला पे सीता जानकी ||
कई करेगा राम – लक्ष्मण कई करेगा सीता जानकी |
राम – लक्ष्मण वन को जाये सेवा करेगा सीता जानकी ||
बजरंग बली मेरी चुंदड़ रंग दो, रंग दो डावाडोल जी |
तीसरा पल्ला पे ब्रह्ममा – विष्णु चौथा पल्ला पे हनुमान जति ||
कई करेगा ब्रह्ममा – विष्णु कई करेगा हनुमान जति |
सृष्टि रचेगा ब्रह्ममा – विष्णु लंका जलावे हनुमान जति ||
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इसी तरह हमारी आने वाली पोस्ट या आगे लिखे जाने वाले गीत, कथा आप पड़ेंगे और फिर पड़कर उसे गाना पसंद करेंगे | अगर आप रात्रि जागरण के और गीतो के बारे मे जानना चाहते है तो इस वेबसाइट पर जाकर पड़ सकते है |
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