रात्रि जागरण गीत
रात्रि जागरण गीत कई तरह के है | उन्मे से एक है केसर का गीत | केसर के गीत को हमारे यह कस्तूरी का गीत कहा जाता है | तो अगर आप कही कस्तूरी पड़ ले तो संकोच मे ना रहे वह केसर का गीत हि होगा | हमारे यह केसर की बहुत मान्यता है | केसर एक फूल मे लगती है यह बहुत महंगी भी होती है | केसर का उपयोग हम बीमारियों के इलाज के लिए भी करते है | केसर बहुत गरम होती है | इसे सर्दियों मे ज्यादा उपयोग मे लिया जाता है | दूध मे केसर डालकर पीने से शरीर की बहुत सारी बीमारियाँ दूर होती है |
केसर को पूजा पाठ मे भी उपयोग किया जाता है | केसर के दूध से भगवान को नहलाया जाता है | केसर उन्हे चड़ाई भी जाती है | पूजा के बाद केसर के दूध को पूरे घर मे छिड़का जाता है उसे बहुत शुभ मानते है | वैसे केसर को ठंडी जगह मे बोया जाता है जैसे हिमाचल प्रदेश | हमारे यहा केसर वही से आती है | वैसे बड़ी अजीब बात है ना केसर होती ठंडी जगह मे है पर इसकी तासीर बहुत गरम होती है | अगर आपने कभी सिर्फ केसर चखी होगी तो आपको पता होगा की वह थोड़ी सी कड़वी होती है |
रात्रि जागरण गीत मे केसर के गीत का महत्व
कस्तूरी (केसर) का गीत रात्रि जागरण मे इसलिए गाया जाता है क्योंकि यह शुभ है | सभी मंगल कार्यों मे इसका उपयोग किया जाता है | केसर का गीत हम इसलिए गाते है क्योंकि देवी देवता आए और केसर जों हमने चडाइ है उसे ग्रहण करे | केसर चडाने के पहले हम केसर का गीत गाते है | यह गीत खत्म होने से पहले हम केसर चडाते है | केसर को इसे सीधे नहीं चड़ाया जाता है | इसे दूध मे मिलाकर ही चड़ाया जाता है | इससे दूध का रंग पीला हो जाता है | केसर के गीत के बिना केसर नहीं चड़ाई जा सकती है | इसलिए यह गीत बहुत महत्वपूर्ण है |
रात्रि जागरण गीत मे कस्तूरी का गीत
सोने री डांडी राजा रूपा रा चेला, तोले गांदी रो बेटो कस्तूरी |
गांदीडो तोले राजा राम जी (यहा अपने परिवार के सदस्य का नाम) तोलावे ||
सोने री डांडी राजा रूपा रा चेला, तोले गांदी रो बेटो कस्तूरी |
गांदीडो तोले राजा लक्ष्मण जी (यहा अपने परिवार के सदस्य का नाम) तोलावे ||
सोने री डांडी राजा रूपा रा चेला, तोले गांदी रो बेटो कस्तूरी |
गांदीडो तोले राजा भरत जी (यहा अपने परिवार के सदस्य का नाम) तोलावे ||
सोने री डांडी राजा रूपा रा चेला, तोले गांदी रो बेटो कस्तूरी |
गांदीडो तोले राजा शत्रुघन जी (यहा अपने परिवार के सदस्य का नाम) तोलावे ||
नमती ने तोलो रे गांदी कस्तूरी, झुकती ने तोलो रे गांदी कस्तूरी |
बाला हो पूर्बज रा सगे चड़े,
जुजार बाबा रा सगे चड़े,
भैरु हो बाबा रा सगे चड़े,
माता हो बाई रा सगे चड़े,
सती हो माता रा सगे चड़े,
भुल्या हो चुक्या रा सगे चड़े ||
बाला हो पूर्बज राजा दे रे आशीष बद,
जों म्हारा सेवक कड़वा लीम सा जी |
जुजार बाबा राजा दे रे आशीष बद,
जों म्हारा सेवक कड़वा लीम सा जी |
भैरु जों बाबा राजा दे रे आशीष बद,
जों म्हारा सेवक कड़वा लीम सा जी |
माता जों बाई राजा दे रे आशीष बद,
जों म्हारा सेवक कड़वा लीम सा जी |
सती जों माता राजा दे रे आशीष बद,
जों म्हारा सेवक कड़वा लीम सा जी |
भूल्या जों चुक्या राजा दे रे आशीष बद,
जों म्हारा सेवक कड़वा लीम सा जी |
लीम सा बद जों राजा द्रोबजो पसर जों,
लिलड़िया नारेला सा लूम लो जी ||
कस्तूरी के गीत का अर्थ
सोने की डंडी है राजा रूप का चेला है , गांदी का बेटा केसर तोल रहा है |
केसर गांदी तोल रहा है रामजी तोला रहे है ||
सोने की डंडी है राजा रूप का चेला है , गांदी का बेटा केसर तोल रहा है |
केसर गांदी तोल रहा है लक्ष्मणजी तोला रहे है ||
सोने की डंडी है राजा रूप का चेला है , गांदी का बेटा केसर तोल रहा है |
केसर गांदी तोल रहा है भरतजी तोला रहे है ||
सोने की डंडी है राजा रूप का चेला है , गांदी का बेटा केसर तोल रहा है |
केसर गांदी तोल रहा है शत्रुघनजी तोला रहे है ||
तोल कांटे से कांटा थोड़ा नीचे जाने दो, गांदी थोड़ी ज्यादा केसर तोलो,
पूर्बज को सारी केसर चड़ेगी,
जुजार महाराज को यह सारी केसर चड़ेगी,
भैरु महाराज को यह केसर चड़ेगी,
माता रानी को यह केसर चड़ेगी,
सती माता को यह सारी केसर चड़ेगी,
भूले – चुके को यह सारी केसर चड़ेगी ||
पूर्बज राजा आशीर्वाद दे रहे है उनके सेवक कडवे नीम जैसे है |
जुजार महाराज राजा आशीर्वाद दे रहे है उनके सेवक कडवे नीम जैसे है |
भैरु महाराज राजा आशीर्वाद दे रहे है उनके सेवक कडवे नीम जैसे है |
माता रानी आशीर्वाद दे रहे है उनके सेवक कडवे नीम जैसे है |
सती माता आशीर्वाद दे रहे है उनके सेवक कडवे नीम जैसे है |
भूले – चुके आशीर्वाद दे रहे है उनके सेवक कडवे नीम जैसे है |
राजा आप नीम जैसे बड़े हो उसकी छाव मे बेठो, और नारियल के पेड़ पर जैसे बहुत नारियल लग रहे है वैसे आपके जीवन मे बहुत से आपको फल मिले ||
निष्कर्ष
केसर हमारे जीवन मे कितनी महत्व रखती है | यह तो आपको इस पोस्ट को पड़कर समझ आ हि गया होगा |केसर के और भी बहुत ज्यादा उपयोग है | अगर बताने गई तो शायद पेज हि खत्म हो जाए | पर यह पोस्ट गीत को लेकर थी जों हमने आपको बता दिया है | उम्मीद है कस्तूरी का यह गीत आपको अच्छा लगा हो |
इसी तरह हमारी आने वाली पोस्ट या आगे लिखे जाने वाले गीत, कथा आप पड़ेंगे और फिर पड़कर उसे गाना पसंद करेंगे | अगर आप रात्रि जागरण के और गीत सुनना चाहते है तो इस वेबसाइट पर जाकर सुन सकते है |
रात्रि जागरण के अन्य महत्वपूर्ण गीत
- दीपक का गीत
- पूर्बज के गीत
- पिपली का गीत
- नहाने का गीत
- पिपली का गीत 2
- नोतरा का गीत
- जुजार जी का गीत
- पान का गीत
- जाजम का गीत
- ढोलक का गीत
- लाड़ी बऊ का गीत
- बड़े जुजार जी का गीत
- पूर्बज के गीत भाग 2
- पूर्बज के गीत भाग 3
- जुजार जी के गीत भाग 2
- जुजार जी के गीत भाग 3
- सूरा पूरा के गीत
- चणीयारी या अंतिम गीत
- भैरु महाराज के गीत
- सिद्ध बड़ (बरगद) पेड़ का गीत
- सती माता के गीत
- परी माता के गीत
- छींक माता और चौथ माता के गीत
- शीतला माता और बिजासन माता के गीत
- चारभुजा जी और रामदेव जी के गीत
- नाग महाराज और पाल्या महाराज के गीत
- महेंदी का गीत
- सभी देवी देवता के गीत
- चामुंडा माता का गीत और हनुमान जी का गीत