रात्रि जागरण गीत
हमने रात्रि जागरण गीत के इस समूह मे छींक माता के गीत भी लिखे है | छींक माता हमारी देवीयों मे से एक है | छींक माता की पूजा राजस्थान मे होती है | छींक माता का मंदिर राजस्थान के जयपुर शहर मे है | माघ महीने की सप्तमी को छींक माता की पूजा की जाती है | छींक माता के गीत भी रात्रि जागरण मे गाए जाते है | अगर आपके कुल देवी देवता मे छींक माता भी आती है तब आपको उनके गीत जरूर गाना चाहिए |
जगरातों मे हमे उन गीतों को अवश्य गाना चाहिए जिनकी हम पूजा करते है | जों हमारे कुल देवी देवता है, जों हमारे आराध्य है | क्योंकि इन गीतों के माध्यम से हि हम उन्हे अपने शुभ कार्यो मे बुलाते है | गीतों से उनका आहवाहन करते है | तो चलिए आज हम यहा पर छींक माता के कुछ लिखते है | और एक गीत चौथ माता का लिखते है |
छींक माता का प्रथम गीत
छिंकत म्हारे कुएला खंडाया,
पेडी की रखवाली म्हारी छींक माता,
बाजा घरे पालणो बंदई दो म्हारी माय |
छिंकत म्हारे महल चूणाया,
कागरा की रखवाली म्हारी छींक माता,
बाजा घरे पालणो बंदई दो म्हारी माय |
छिंकत म्हारे कुँवर जन्मया,
पालणा की रखवाली म्हारी छींक माता,
बाजा घरे पालणो बंदई दो म्हारी माय |
छिंकत म्हारे कन्या जन्मी,
पालणा की रखवाली म्हारी छींक माता,
बाजा घरे पालणो बंदई दो म्हारी माय |
छिंकत म्हारे कुँवर परणाया,
कुल बऊ की रखवाली म्हारी छींक माता,
बाजा घरे पालणो बंदई दो म्हारी माय |
छिंकत म्हारे कन्या परणाई,
रतन जमाई की रखवाली म्हारी छींक माता,
बाजा घरे पालणो बंदई दो म्हारी माय |
रात्रि जागरण गीत मे छींक माता का दूसरा गीत
छींक भवानी ने भम्मर सोवे,
टीका की छब न्यारी |
होजी छींक भवानी ने झुमकी सोवे,
झाला की छब न्यारी |
छींक भवानी ने हार सोवे,
डोरा की छब न्यारी |
होजी छींक भवानी ने चूडलो सोवे,
चुडा की छब न्यारी |
छींक भवानी ने पोंची सोवे,
पोंची की छब न्यारी |
होजी छींक भवानी ने झाँझर सोवे,
पायल की छब न्यारी |
छींक भवानी ने बिछिया सोवे,
बिछिया की छब न्यारी |
होजी छींक भवानी ने मेंदी सोवे,
मेंदी की छब न्यारी |
छींक भवानी ने कुम कुम सोवे,
कंकु की छब न्यारी |
होजी छींक भवानी का साँचा पड़छा,
चट जन्मया ने पट छिंकया ||
रात्रि जागरण गीत मे छींक माता का तीसरा गीत
सासु बऊ लिपत अँगना, हो लिपत अँगना,
म्हारी छींक माता खेले रई अँगना |
रई अँगना हो चारी बई का अँगना,
म्हारी छींक माता खेले रई अँगना ||
देराणी जेठाणी लिपत अँगना, हो लिपत अँगना,
म्हारी छींक माता खेले रई अँगना |
रई अँगना हो चारी बई का अँगना,
म्हारी छींक माता खेले रई अँगना ||
ननद भोजाया लिपत अँगना, हो लिपत अँगना,
म्हारी छींक माता खेले रई अँगना |
रई अँगना हो चारी बई का अँगना,
म्हारी छींक माता खेले रई अँगना ||
काकी भतीजी लिपत अँगना, हो लिपत अँगना,
म्हारी छींक माता खेले रई अँगना |
रई अँगना हो चारी बई का अँगना,
म्हारी छींक माता खेले रई अँगना ||
मामी भानेज लिपत अँगना, हो लिपत अँगना,
म्हारी छींक माता खेले रई अँगना |
रई अँगना हो चारी बई का अँगना,
म्हारी छींक माता खेले रई अँगना ||
भुआ भतीजी लिपत अँगना, हो लिपत अँगना,
म्हारी छींक माता खेले रई अँगना |
रई अँगना हो चारी बई का अँगना,
म्हारी छींक माता खेले रई अँगना ||
चौथ माता
हिन्दू धर्म मे चौथ माता की पूजा 12 महीने की जाती है | हर महीने मे 2 बार चतुर्थी आती है | चतुर्थी के दिन चौथ माता की पूजा की जाती है | सभी चतुर्थी की अलग अलग कथा है अलग मान्यता है | हम आगे आपको इसकी जानकारी अवश्य देंगे | चौथ माता की पूजा सुहागन स्त्रिया करती है | सम्पूर्ण भारत मे करवा चौथ बनाई जाती है | उस दिन भी चौथ माता की हि पूजा होती है |
आज जों गीत हमने लिखा है वह हनुमान जी ओर चौथ माता का है | इस गीत को हनुमान जी के लिए भी गाया जा सकता है | चौथ माता किसी एक कुल की हि नहीं वो सभी की माता है | चौथ माता को जगत माता भी बोल जा सकता है |
चौथ माता का गीत
चीनी पत्थर का बण्या हे हनुमान,
चांदी की बणी चौथ माता |
म्हारा सुसरा जी पूजे रे हनुमान,
सासूजी पूजे चौथ माता ||
चीनी पत्थर का बण्या हे हनुमान,
चांदी की बणी चौथ माता |
म्हारा जेठ जी पूजे रे हनुमान,
जेठानी पूजे चौथ माता ||
चीनी पत्थर का बण्या हे हनुमान,
चांदी की बणी चौथ माता |
म्हारा देवर जी पूजे रे हनुमान,
देवरानी पूजे चौथ माता ||
चीनी पत्थर का बण्या हे हनुमान,
चांदी की बणी चौथ माता |
म्हारा नणदोई जी पूजे रे हनुमान,
ननद बई पूजे चौथ माता ||
चीनी पत्थर का बण्या हे हनुमान,
चांदी की बणी चौथ माता |
म्हारा सायब जी पूजे रे हनुमान,
हमी तो पूजे चौथ माता ||
चीनी पत्थर का बण्या हे हनुमान,
चांदी की बणी चौथ माता |
हमारा कुँवर पूजे रे हनुमान,
कुल बऊ पूजे चौथ माता ||
चीनी पत्थर का बण्या हे हनुमान,
चांदी की बणी चौथ माता |
खेड़े खेड़े बसे रे हनुमान,
महला मे बसे चौथ माता ||
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इसी तरह हमारी आने वाली पोस्ट या आगे लिखे जाने वाले गीत, कथा आप पड़ेंगे और फिर पड़कर उसे गाना पसंद करेंगे | अगर आप रात्रि जागरण के और गीत सुनना चाहते है तो इस वेबसाइट पर जाकर सुन सकते है |
धन्यवाद