Bheiru Maharaj ka Geet

रात्रि जागरण गीत

रात्रि जागरण गीत

रात्रि जागरण गीत मे सभी कुल देवी देवता के गीत अलग अलग होते है | भैरु महाराज, सती माता, बड़ी माता, जुजार महाराज, छींक माता, चामुंडा माता और भी बहुत सारे देवी देवता होते है | सभी धर्म के कुल देवी देवता अलग अलग होते है | इसलिए हमने यहा सभी देवी देवता के गीत लिखे है | आपके यहा जों आपके कुल के देवी देवता है आप उनके गीत गाए | वैसे हिन्दू धर्म की सभी जाती उपजाति मे भैरु महाराज सभी के देवता होते है |

हमारे यहा मान्यता है की भैरु महाराज की स्त्रिया स्पर्श नहीं करती है | और ना हि खुले सिर जाती है सिर पर दुपट्टा या सारी ओड़कर जाती है | हमारे भैरु महाराज राजस्थान मे है | हमारी प्रथा के अनुसार उन्हे सिंदूर चडाया जाता है | पुरुष भी धोती पहनकर उनके मंदिर मे जाते है | उनकी पूजा करते है | काल भैरव भी भैरु महाराज का हि रूप है | उज्जैन मे उनका बहुत प्रसिद्ध मंदिर है वहा पर उन्हे मदिरा चड़ाई जाती है |

पुराणों के हिसाब से जहा जहा माता जी का मंदिर होता है या निवास होता है वहा पर भैरु महाराज का मंदिर भी होता है | माताजी और भैरु नाथ की कहानिया तो आपने सुनी हि होंगी या टीवी पर मूवी देखि होगी | भैरु महाराज के कुल चार गीत हमने लिखे है | आप चाहे तो चारों गीत अपने जगराते मे गा सकते है या चारों मे से जों आपको अच्छा लगे वो आप गाए | इसके अलावा हमने जों भी गीत लिखे है वो आपको इस पोस्ट मे नीचे मिल जाएंगे | चलिए तो बड़ते है भैरु महाराज के प्रथम गीत की तरफ |

 

भैरु महाराज का प्रथम गीत

मारवाड़ बीच मेवाड़ बीच, चांदी रा डोलर डालो,

भैरु जी कई हट लागा हो राज |

नरसिंगा बीच मारवाड़ बीच, रूपा रा डोलर डालो,

भैरु जी कई हट लागा हो राज ||

हमारे शंकरलाल जी (अपने घर के बड़े सदस्य का नाम) सेवक यूँ कहे, म्हने पाती रा परछा दोनी,

भैरु जी कई हट लागा हो राज |

कालो भी झूले गोरो भी झूले, छप्पन दे रे मचोला,

भैरु जी कई हट लागा हो राज |

अगवाडा से झाँका झाँके नार पराई ताके,

भैरु जी कई हट लागा हो राज |

आगडली से टल्लो मारयो, पाछड़ली लई भागा,

भैरु जी कई हट लागा हो राज |

रात्रि जागरण गीत मे भैरु महाराज का दूसरा गीत 

म्हारा सुसराजी का ऊंचा ऊंचा महल, नीचे तो लिली लिम्बडली |

अणी लिम्बडली पे बेठा भैरु नाथ, पाँवा रा घुँघरा बाज रया |

ई तो आवता रा काटया है दुख, जावता रा पालणा बंदई रया |

म्हारा जेठजी का ऊंचा ऊंचा महल, नीचे तो लिली लिम्बडली |

अणी लिम्बडली पे बेठा भैरु नाथ, पाँवा रा घुँघरा बाज रया |

ई तो आवता रा सारया सब काज, जावता रा पालणा बंदई रया ||

भैरु महाराज का तीसरा गीत 

भैरु शीश ने पागा सोवे, भैरु पेंचा री छब न्यारी,

हो म्हारी ऊंडा कुआ का भैरु |

भैरु काना ने मोती सोवे, भैरु चुन्नी री छब न्यारी,

हो म्हारी ऊंडा कुआ का भैरु |

भैरु चालो तो झांजर बाजे, भैरु बेठो तो घूघरा बाजे,

हो म्हारी ऊंडा कुआ का भैरु |

रात्रि जागरण गीत मे भैरु महाराज का चौथा गीत 

भैरुजी छुट्टी लट्टी ने बाबरिया हो उड़े तम नहीं हो कुल का भैरु |

बई वो बाणिया का नहीं हम बामण का नहीं थारा हे वो कुल का भैरु |

भैरुजी सुसरा का महला मे मरवो चोपई दो,

जेठजी का महला मे केल चोपई दो,

जदी जाणू कुल का हो भैरु |

बई वो सुसरा का महला मे मरवो चोपई दू,

जेठजी का महला मे केल चोपई दू,

थारा हे हो कुल का भैरु |

भैरुजी लिल्या ओड़ी ने पाटले नी बेठी,

पिल्या ओड़ी ने जलमा नी पूजी तम नहीं हो कुल का भैरु |

बई वो लिल्या ओड़ई ने पाटले बेठई दू,

पिल्या ओड़ई ने जलमा पूजई दू थारा हे हो कुल का भैरु |

भैरुजी डेली चड़न्ता हेला नी पाड़या,

पाणी भरन्ता साथे नी दोड़या, तम नहीं हो कुल का भैरु |

बई वो डेली चड़न्ता हेला पड़ई दू,

पाणी भरन्ता साथे दोड़ई दू, थारा हे हो कुल का भैरु |

भैरुजी म्हारा लिण्या मे पगल्या नी मांड़या,

रोटी पोवन्ता आटो नी चूंठयो, तम नहीं हो कुल का भैरु |

बई वो थारा लिण्या मे पगल्या मंड़ई दू,

रोटी पोवन्ता आटो चूंठई दू, थारा हे हो कुल का भैरु |

निष्कर्ष 

आपने सभी चारों गीत पड़ लिए होंगे | इन गीतों का अर्थ तो पड़कर हि समझ आ रहा है | चारों गीत अलग अलग है सबका मतलब अलग अलग है | गीतों के माध्यम से हम हमारे भैरु महाराज को अपने रात्रि जागरण मे आने के लिए बोल रहे है | पहले गीत मे हम भैरु महाराज जों जिद करे बेठे है उनको मना रहे है | दूसरे गीत मे उनसे ख रहे है आओ हमारे सभी दुख दूर करो और सभी कार्य सिद्ध करो | तीसरे गीत मे उनके रूप की बाते कर रहे है | चौथे गीत मे उन्हे अपने घर मे आकर भोजन ग्रहण करने के लिए बोल रहे है | 

उम्मीद करते है की हमारे द्वारा लिखे जा रहे यह सभी गीत पसंद आ रहे  होंगे | मालवी भाषा के इन गीतों को आप अपने शब्दों मे भी गा सकते है | 

रात्रि जागरण के और महत्वपूर्ण गीत 

इसी तरह हमारी आने वाली पोस्ट या आगे लिखे जाने वाले गीत, कथा आप पड़ेंगे और फिर पड़कर उसे गाना पसंद करेंगे | अगर आप रात्रि जागरण के और गीत सुनना चाहते है तो इस वेबसाइट पर जाकर सुन सकते है |

धन्यवाद

6 Comments

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