रात्रि जागरण गीत
रात्रि जागरण गीत मे चणीयारी का गीत अंतिम गीत होता है | यह गीत जागरण के समाप्त होते वक्त गाया जाता है | हमारे यहा जगराता रात्रि 11 बजे शुरू होता है ओर उसका अंत सुबह 6 बजे होता है | तो यह गीत सूर्य नारायण के उगते हि गाया जाता है | इस गीत के जरिए देवी देवता को विदाई दि जाती है | अंत मे नारियल बदारकर चरु करवा दिया जाता है और द्वि देवता के पर पड़कर उन्हे विदा करते है | इस गीत के बोल भी कुछ इसी तरह है |
चणियारी का गीत
कुण थारे माय ने बाप चणियारी,
या तो कणी रा ओदर नीबजे जी |
इंदर माय ने बाप चणियारी,
या तो धरती रा ओदर नीबजे जी ||
कुण थारे देवर जेठ चणियारी,
या तो कणी पुरुष कई इसतर जी |
समीर मलीचो देवर जेठ राजीडा,
या तो असल डिडितरी इसतर जी ||
बाड़या जो माय का राजीडा चंदन कटावो,
यो तो जिको घड़ाओ रुण – झुण गाड़ोल्यो जी |
धोलो तो नारो अपणा घर को राजीडा,
या तो पील्यो नारो हो देवर जेठ को जी ||
धोल्यो ने बांधो पटसाल राजीडा,
यो तो पील्या ने बांधो टूटी टापरी जी |
धोल्यो ने लाखो नागर बेल राजीडा,
या तो पील्या ने लाखो सूको शुक्लो जी |
धोल्या ने पावो नरमल नीर राजीडा,
यों तो पील्या ने पावो डोलो डोबणो जी |
धोल्यो ने बांधो घूँघर माल राजीडा,
या तो पील्या ने बांधो फुटो टोकरो जी |
रुण – झुण बाजे घूँघर माल राजीडा,
यों तो टप टप बाजे फुटो टोकरो जी |
गाड़ो जोती नी अपण चाला राजीडा,
यों तो हमारो पियर तमारो सासरो जी |
थे ई तो बेठो राजीडा साला केरी जोड़,
ई तो हम बैठांगा भोजाया रा झुमके जी |
थे ई तो जीमो राजीडा दाल ने भात,
ई तो हम जीमांगा लचपच लापसी जी |
हमारा तो वेस्या राजीडा दुणा डेढ़ा लाड़,
ई तो तमारा वेस्यां हो दुणा अलूंबा जी |
थे ई तो बांधो राजीडा सेलो ने पाग,
या तो हम ओडांगा बहुरंग चुंदडी जी |
गाड़ो जोती नी अपण चाला राजीडा,
यों तो हमारो पियर तमारो सासरो जी |
थे ई तो बेठो राजीडा भाया केरी जोड़,
ई तो हम बैठांगा देराणी जेठाणी रा झुमके जी |
थे ई तो जीमो राजीडा दूध ने भात,
ई तो हम जीमांगा खाटी राबड़ी जी |
तमारा तो वेस्या राजीडा दुणा डेढ़ा लाड़,
ई तो हमारा वेस्यां हो खाली पिंजणा जी |
आगे पड़े ↓
नाना सा कलस्या मे नीर थोड़े रो,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नानी सी तोलड़ी मे भात थोड़े रा,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नानी सी बाटकी मे घी गोल थोड़े रो,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नानी सी पिंगाणी मे कंकु चोखा थोड़े रो,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नाना सा बुगचा मे सालू थोड़े रा,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नाना सा डब्बा मे गेणो थोड़े रा,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नानी सी आटी मे नाडा थोड़े रा,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नाना सा थैला मे नारेल थोड़े रा,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नानी सी थाली मे पुजापो थोड़े रो,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नाना सा कलस्या मे नीर घणेरो,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नानी सी तोलड़ी मे भात घणेरा,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नानी सी बाटकी मे घी गोल घणेरो,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नानी सी पिंगाणी मे कंकु चोखा घणेरा,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नाना सा बुगचा मे सालू घणेरा,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नाना सा डब्बा मे गेणा घणेरा,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नानी सी आटी मे नाडा घणेरा,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नाना सा थैला मे नारेल घणेरा,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
नानी सी थाली मे पुजापो घणेरो,
यों तो देवता रो लशकर सईया अन्त घणो जी |
आगे पड़े ↓
जीमी तो चूंठी देवता वया रे संतोषी,
ई तो सरवर जाय चलू करयाजी |
लिलड़ी सी घोड़ी पलाणो सगला भई,
तमारा देवता ने दो णी बदावणा जी |
लिलड़ी सी घोड़ी पलाणो नाना मोटा,
तमारा देवता ने दो णी बदावणा जी |
पल्लो छोड़ी ने पाँव लागो लाड़ी बऊ,
तमारा देवता ने दो णी बदावणा जी |
पल्लो छोड़ी ने पाँव लागो लाड़ी बऊ,
तमारा देवता ने दो णी बदावणा जी |
पल्लो छोड़ी ने पाँव लागो नानी मोटी,
तमारा देवता ने दो णी बदावणा जी ||
रात्रि जागरण गीत का निष्कर्ष
यह गीत रात्रि जागरण का अंतिम गीत होता है | इस गीत की समाप्ति के साथ हि जागरण भी समाप्त हो जाता है | इस गीत के बोल हि कुछ इस तरह है की बहन बेटी गीत गाती है घर की बहु को बोलती है की यह हमारा मायका है | तुम्हारा ससुराल है | देवी देवता आप थुली चावल खाओ उसका भोग स्वीकार करो | आखरी मे इस घर के बेटे बहु को कहा जाता है की छोटे कलश मे पानी बहुत है | छोटे से थेले मे नारियल बहुत है | कुम कुम की छोटी सी डब्बी मे कुम कुम बहुत है |
इसी तरह एक एक कर कर सब बोल जाता है | अंत मे इस गीत से बहुओ को बोल जाता है | पल्ला निकालकर देवी देवता के पर पड़ लो, उनको विदाई दो |
इसी तरह हमारी आने वाली पोस्ट या आगे लिखे जाने वाले गीत, कथा आप पड़ेंगे और फिर पड़कर उसे गाना पसंद करेंगे | अगर आप रात्रि जागरण के और गीतो के बारे मे जानना चाहते है तो इस वेबसाइट पर जाकर पड़ सकते है |
रात्रि जागरण के अन्य महत्वपूर्ण गीत
- दीपक का गीत
- पूर्बज के गीत
- पिपली का गीत
- नहाने का गीत
- पिपली का गीत 2
- नोतरा का गीत
- जुजार जी का गीत
- केसर का गीत
- पान का गीत
- जाजम का गीत
- ढोलक का गीत
- लाड़ी बऊ का गीत
- बड़े जुजार जी का गीत
- पूर्बज के गीत भाग 2
- पूर्बज के गीत भाग 3
- जुजार जी के गीत भाग 2
- जुजार जी के गीत भाग 3
- सूरा पूरा के गीत
- भैरु महाराज के गीत
- सिद्ध बड़ (बरगद) पेड़ का गीत
- सती माता के गीत
- परी माता के गीत
- छींक माता और चौथ माता के गीत
- शीतला माता और बिजासन माता के गीत
- चारभुजा जी और रामदेव जी के गीत
- नाग महाराज और पाल्या महाराज के गीत
- महेंदी का गीत
- सभी देवी देवता के गीत
- चामुंडा माता का गीत और हनुमान जी का गीत