संजा के गीत
हम आपके लिए संजा के गीत लेकर आए है | यह गीत मारवाड़ी और राजस्थानी भाषा मे है | हो सकता है यह गीत अपने पहले भी सुने होंगे | पर हमे यकीन है की यह गीत अपने पहले कभी नहीं पड़े होंगे | संजा माता कब बनाई जाती है इसे कौन बनाता है | किस दिन क्या बनाया जाता है यह सब आप यहा पड़ सकते है | संजा के गीतो को आप पूजा के बाद रोज अपनी सखी सहेलियों के साथ गा सकते है | इसके पहले वाली पोस्ट मे हमने संजा माता के बारे मे जरूरी सभी जानकारी आपको दि है उसे आप इस लिंक पर जाकर पड़ सकते है |
संजा के गीत 1
काजल टिकी लों बई काजल टिकी लों, काजल टिकी लाई ने संजा बई ने दो,
संजा बाई चालया सासरे, पदम पदारया वणीयज मे,
वणीयज मे खाटा बोर, खाए खजूरिया लई गया चोर,
चोर के घर मे नाचे मोर, मोर मड़कलिया उडी गया,
म्हारी पूजा (यहा आप अपनी सखियों का नाम, जिसका विवाह हुआ हो उसका नाम एक एक कर कर ले सकते है) बाई ने लई उडिया |
काजल टिकी लों बई काजल टिकी लों, काजल टिकी लाई ने संजा बई ने दो,
संजा बाई चालया सासरे, पदम पदारया वणीयज मे,
वणीयज मे खाटा बोर, खाए खजूरिया लई गया चोर,
चोर के घर मे नाचे मोर, मोर मड़कलिया उडी गया,
म्हारी संजा बाई ने लई उडिया |
गीत 2
छत पर बैठी चिड़िया उड़ाओ नी ओ दादासा,
घर मे बैठा पामणा जिमाओ नी ओ दादासा,
घेरदार घाघरो गुलाबदार साड़ी,
ऊबा रीजो टाँगा वाला उज्जैन की गाड़ी |
संजा के गीत 3
संजा तू थारे घर जा की थारी बाई मारेगा, की कुटेगा की डेरी मे डचोकेगा,
चाँद गयो गुजरात, हिरण का मोटा मोटा दाँत,
की छोरा छोरी डरपेगा, की कुत्ता भसेगा भों भों भों भों भों…. ||
गीत 4
जामुन के पेड़ नीचे खोया मेरा बटवा,
चाँद सूरज की बहु ने चुराया मेरा बटवा,
सोना ले ले चांदी ले ले दे दे मेरा बटवा,
आयल ले ले पायल ले ले दे दे मेरा बटवा |
संजा के गीत 5
इमली के पेड़ नीचे रिमझिम बाजा बाजे रे,
मै जानियों कोई आया जी,
छोटो सो चाँद सो वीरा जी, ले घोड़ी दोडावे जी,
छोटी सी संजा बेना ले फुलड़ा बदावे जी |
गीत 6
मै कोट चराचर देखू म्हारो कोन सो वीरों आयो,
म्हारों चाँद सो वीरों आयो जी,
ऊ कई – कई चीजा लायो जी, हाथी ने घोडा लायो,
हाथी का ऊपर पालकी,
पालकी मे मेरो भैयों,
भैया के पीछे भाभी,
भाभी की गोद मे नानों,
नाना का सिर पे टोपी,
टोपी मे हीरा मोती, तू पेर ले नाना टोपी |
संजा का गीत 7
संजा का सासरे जावगा,
खाटो रोटी खावा गा,
संजा की सासु डुवकली,
घर मे बैठी खुवकडिलि,
एक दूंगा दारी के चिमपिया की,
काम करऊगा धम्मक से,
मै बैठूगा गादी पे, थने बीठऊँगा खुटी पे |
गीत 8
आगी ठोकर गिरी संजा, उठा लेते तो क्या होता |
हमारी संजा अति सुंदर, निभा लेते तो क्या होता |
फूलों सी संजा मेरी कलियों सी मुस्कान है |
रंग तेरा देख के रूप तेरा देख के कलाकोट भी हैरान है ||
संजा का गीत 9
मे लिख लिख भेजू चिठ्ठी मे, तुम आओगे कोन सी छुट्टी मे |
संजा काई को लिखती चिठ्ठी मे, हम आएंगे गर्मी की छुट्टी मे ||
मे लिख लिख भेजू समोसे मे, तुम आओगे कोन से मौसम मे |
संजा काई को लिखती समोसे मे, हम आएंगे सर्दी के मौसम मे ||
मे लिख लिख भेजू बाल्टी मे, तुम आओगे कोन सी पालटी मे |
संजा काई को लिखती बाल्टी मे, हम आएंगे जनता पालटी मे ||
मे लिख लिख भेजू जलेबी मे, तुम आओगे कोन सी हवेली मे |
संजा काई को लिखती जलेबी मे, हम आएंगे लाल हवेली मे ||
गीत 10
गाड़ी नीचे चवला बोया साथ सहेलिया जी,
वणी चवला की म्हने साग राँदी साथ सहेलिया जी,
साग म्हने वीराजी की मेली साथ सहेलिया जी,
वीराजी के म्हने कड़ी कड़ी लागे साथ सहेलिया जी,
कड़ी कड़ी लागे कुंडे ढोली साथ सहेलिया जी,
कुंडे ढोली भैंस ने पीली साथ सहेलिया जी,
उनी भैंस ने म्हारे दूध दियो साथ सहेलिया जी,
वणी दूध की म्हने खीर राँदी साथ सहेलिया जी,
वा खीर म्हने वीराजी के मेली साथ सहेलिया जी,
वीराजी के म्हने मीठी मीठी लागे साथ सहेलिया जी,
मीठी मीठी लागे काटो भागियों साथ सहेलिया जी,
काटो भागियों खून निकालियों साथ सहेलिया जी,
ऊ खून म्हने चुंदरी से पोंछियों साथ सहेलिया जी,
वा चुंदरी म्हने धोबी के दई दि साथ सहेलिया जी,
धोबी ने म्हारे धोई के दई दि साथ सहेलिया जी,
वा चुंदरी म्हने दर्जी के दई दि साथ सहेलिया जी,
दर्जी ने म्हारे खोल सिवदी साथ सहेलिया जी,
एक खोल मे म्हने सासु भर दी साथ सहेलिया जी, एक खोल मे म्हने ससुरो भर दियो साथ सहेलिया जी |
दो रुपया मे सासु बेची साथ सहेलिया जी, दो रुपया मे सुसरा बेचिया साथ सहेलिया जी |
चार रुपया मे चूड़िया लय साथ सहेलिया जी, चार रुपया मे बिछिया लय साथ सहेलिया जी,
चुडा चमके सासु दमके साथ सहेलिया जी,
बिछिया बाज सुसरो नाचे साथ सहेलिया जी,